प्लास्टिक
न जमीन मे दबाने से खत्म होता है, न पानी मे फेकने से
गलता है और न ही इसे जलाकर खत्म किया जा सकता है सोचिए कितना खतरनाक होता है ये
प्लास्टिक नामक पदार्थ जिसमे उपयुक्त केमिकल्स धीरे धीरे हमारे जीवन को खत्म करते
जा रहे है|
सुबह
सुबह ब्रश करना हो, नाश्ता करना हो या ऑफिस में दिन भर कम्प्यूटर पर काम करना हो, कंघा,
टेलीफोन, टेलीविज़न, बच्चों के खिलौने, मशीनों के पुर्जे, बाजार से कुछ सामान लाना हो या लंच बॉक्स
मे लंच करने से लेकर वॉटर बॉटल में पानी पीने तक हर घड़ी हर जंगह प्लास्टिक ही
प्लास्टिक है|
पूरे
विश्व मे प्लास्टिक का उपयोग इतना बढ़ चुका है की साल भर मे हम इतना प्लास्टिक फेक
देते है जिससे पृथ्वी के चारों और एक नहीं दो नहीं बल्कि तीन से चार
layer
बनायी जा सकती है|
60 % प्लास्टिक की बनी चीज़ें हम सिर्फ एक बार
इस्तेमाल करके फेक देते है, एवं रोजाना घर का जो कचरा फेंकते है उसमें से 70% तो
प्लास्टिक होता है|
विश्व की लगभग 80% जनसंख्या प्लास्टिक कैमिकल BPA जिसकी full form है Bisphenol A को अवशोषित करती है
प्लास्टिक बैग्स बनाने में जायलेन, इथिलेन ऑक्साइड और बेंजेन जैसे केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। इन
केमिकल्स से बहुत सी बीमारियां और विभिन्न प्रकार के डिसॉडर्स होते हैं। प्लास्टिक
के कैमिकल्स पर्यावरण के लिए भी बेहद हानिकारक होते हैं जिससे इंसान, जानवरों, पौधों और सभी जीवित चीजों को नुकसान पहुंचता
हैं।
प्लास्टिक नॉन-बॉयोडिग्रेडेबल होता है।
नॉन-बॉयोडिग्रेडेबल ऐसे पदार्थ होते हैं जो बैक्टीरिया के द्वारा ऐसी अवस्था में कभी
नहीं पहुंच पाते जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान न हो।
जब प्लास्टिक को कचरे के तौर पर फेंका जाता है यह
अन्य चीजों की तरह खुदबखुद कभी खत्म नहीं होता। इसे खत्म होने में हजारों साल लग
जाते हैं यह पानी के स्त्रोतों में मिलकर पानी को भी प्रदुषित कर देता है।
ज़मीन में दबाया जाए तो प्लास्टिक की एक छोटी सी पोलिथिन को भी पूरी तरह से छोटे छोटे
पार्टिकल्स में तब्दील होने में हजारों साल लग जाते है और उतने ही साल लग जाते है
उसे पूरी तरह से गायब होने में।
प्लास्टिक
जलाने पर भारी मात्रा में कैमिकल्स का उत्सर्जन होता है जो सांस लेने पर शरीर में
प्रवेश कर हमारी सांस लेने की प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इसे जमीन पर
फेंक दिया
जाए या गाड़ दिया जाए या पानी में फेंक दिया जाए, इसके हानिकारक प्रभाव कभी कम नहीं होते।
हालांकि
कई कारणों मे प्लास्टिक मानव जीवन में बहुत ही उपयोगी
भी है प्लास्टिक के
द्वारा बनाई गई चीजें जल्दी से टूटती नहीं है और दूसरा प्लास्टिक लकड़ी या कागज की
तरह किसी भी वातावरण मे कभी सड़ता भी नहीं, और ना ही प्लास्टिक के ऊपर लोहे की तरह कभी
जंग लगता है प्लास्टिक के ऊपर जल्दी से किसी वातावरण का कोई प्रभाव भी नहीं पड़ता
है और प्लास्टिक से बिजली के उपकरण भी
बनाए जाते हैं क्योंकि प्लास्टिक बिजली का कुचालक होता है और प्लास्टिक की
आयु बहुत लंबी होती है प्लास्टिक से बनाई गयी वस्तुएं अन्य और धातुओं के मुकाबले में सस्ती तथा लम्बे समय
तक टिकने वाली होती हैं और प्लास्टिक की एक बहुत खास बात यह होती है की इसको आसानी
से किसी भी आकार में बदला जा सकता है
परंतु प्लास्टिक इतना उपयोगी होने के साथ साथ यह भी एक
सच्चाई है कि प्लास्टिक का अत्यधिक उपयोग हमारे और हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए
बहुत बड़ा खतरा है और इससे निपटने के लिए हम कुछ ठोस कदम उठा सकते है जैसे:
प्लास्टिक को कभी खत्म नहीं किया जा सकता परंतु इसको recycle किया जा सकता है जो की आज विश्वभर मे जयदातार सभी देशों मे किया जा रहा
है
यदि आपके घर के पास कचरा ले जाने वाली जो गाड़ी आती है
तो आप उन्हे उसके कन्टैनर को दो पार्ट्स
मे devide
करने के लिए कह सकते है ताकि एक मे नॉर्मल कचरा और एक मे प्लास्टिक
वाला कचरा डाला जाए जो की बहुत आशान और सुविधाजनक है जिससे लोगों मे प्लास्टिक के
प्रति जागरूकता भी फैलेगी।
1. आप
प्लास्टिक बैग्स की बजाय कपड़े या कागज से बने थैले इस्तेमाल करें जब भी आप घर से
बाहर सामान लेने जाए तो कपड़े या कागज़ से बना थैला साथ लेकर जाए|
2. प्लास्टिक
से बने एसे सामान का बहिष्कार करें जिन्हे एक बार इस्तेमाल करके फेक दिया जाता है
जैसे: प्लास्टिक से बने पतले ग्लास और तरल पदार्थ पीने के लिए इस्तेमाल की जानी
वाली स्ट्रॉ आदि|
3. ज्यादातर
स्टील, लोहे, पीतल, तांबा, और मिट्टी के पारंपरिक तरीके से बने हुए बर्तनों का
इस्तेमाल करें
4. प्लास्टिक के PETE और HDPE प्रकार
के सामान चुनिए। यह प्लास्टिक आसानी से रिसाइकल हो जाता है।
प्लास्टिक बैग और पोलिएस्ट्रीन फोम को कम से कम
इस्तेमाल करने की कोशिश करें। इनका रिसायकल रेट बहुत कम होता है। सतर्क रहिए और
जागरूक रहिए और अपने आस पास सभी को प्लास्टिक नामक इस खतरे से सतर्क कीजिए।