महा-गाथा महाभारत मे बहुत से वीर योद्धाओं का जिक्र किया गया है जिनमे से कुछ योद्धाओं के बारे मे विस्तारपूर्वक बताया गया है परंतु कुछ योद्धा ऐसे भी हुए है जिनकी वीरता का बहुत ही कम शब्दों मे उल्लेख किया गया है नमस्कार मै सुधीर आज आपको बताऊँगा महाभारत काल के ऐसे ही एक योद्धा के बारे मे जिनका पुराणों मे जिक्र तो किया गया है किन्तु उनके विषय मे विस्तृत उल्लेख नहीं मिलता है
उनका नाम है उग्रायुद्ध
उग्रायुद्ध हिन्दू धर्म में मान्य भागवत के अनुसार निप के पुत्र थे अन्य पुराणों एवं ग्रंथों में इस बात का उल्लेख भी किया गया है कि वह कृत के पुत्र थे। बताया जाता है की उग्रायुद्ध ने आठ हजार वर्ष तक कठिन तपस्या की थी। मृत्यु के देवता स्वयं यमराज ने उन्हे तत्व-ज्ञान सिखाया था। पुराणों मे यह भी उल्लेखित किया गया है कि उग्रायुद्ध के पुत्र का नाम क्षेमय था। उग्रायुद्ध के द्वारा ही 101 निपों का नाश किया गया था अतः भलातपुत्र जनमेजय को भी उन्होंने ही मारा था।
महाभारत मे प्रसिद्ध राज्य हस्तिनापुर के महाराज शांतनु की मृत्यु के पश्चात उग्रायुद्ध ने सत्यवती की मांग की थी जिसकी वजह से क्रुद्ध होकर पिता-माह भीष्म ने उनका वध कर दिया था।
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महाभारत का एक छोटा सा अनसुना किस्सा उग्रायुद्ध
उनका नाम है उग्रायुद्ध
उग्रायुद्ध हिन्दू धर्म में मान्य भागवत के अनुसार निप के पुत्र थे अन्य पुराणों एवं ग्रंथों में इस बात का उल्लेख भी किया गया है कि वह कृत के पुत्र थे। बताया जाता है की उग्रायुद्ध ने आठ हजार वर्ष तक कठिन तपस्या की थी। मृत्यु के देवता स्वयं यमराज ने उन्हे तत्व-ज्ञान सिखाया था। पुराणों मे यह भी उल्लेखित किया गया है कि उग्रायुद्ध के पुत्र का नाम क्षेमय था। उग्रायुद्ध के द्वारा ही 101 निपों का नाश किया गया था अतः भलातपुत्र जनमेजय को भी उन्होंने ही मारा था।
महाभारत मे प्रसिद्ध राज्य हस्तिनापुर के महाराज शांतनु की मृत्यु के पश्चात उग्रायुद्ध ने सत्यवती की मांग की थी जिसकी वजह से क्रुद्ध होकर पिता-माह भीष्म ने उनका वध कर दिया था।
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महाभारत का एक छोटा सा अनसुना किस्सा उग्रायुद्ध